लखनऊ, 4 मार्च 2025: रमज़ान के पवित्र महीने में उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की साजिशें तेज हो गई हैं। दरिया वाली मस्जिद (लखनऊ) को अवैध बताने की आड़ में हिंदू महासभा के अध्यक्ष ने कुछ मीडिया संस्थानों के साथ मिलकर नई खुराफात शुरू कर दी है। इस पूरे षड्यंत्र को मोसाद और सीआईए द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ रची गई एक बड़ी साजिश के तौर पर देखा जा रहा है।
इस गंभीर मामले पर मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंक़लाबी (प्रवक्ता, सेव वक्फ इंडिया) और मौलाना डॉ. सैयद कल्बे सिब्तैन "नूरी" ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। दोनों ने प्रशासन से इस साजिश की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और टाइम्स नाउ व नवभारत टाइम्स जैसे भड़काऊ मीडिया चैनलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
3 मार्च 2025 को हिंदू महासभा के अध्यक्ष कुछ मीडिया संस्थानों को साथ लेकर दरिया वाली मस्जिद पहुंचे और बिना किसी कानूनी आधार के इसे अवैध घोषित करने की साजिश रच डाली। मीडिया के जरिए इस झूठे प्रचार को फैलाकर धार्मिक उन्माद भड़काने की कोशिश की गई। आरोप है कि यह सब कुछ अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत किया गया, जिसमें मोसाद और सीआईए जैसे गुप्तचर संगठनों का भी हाथ हो सकता है।
भड़काऊ मीडिया रिपोर्टिंग पर सवाल
इस पूरे प्रकरण में टाइम्स नाउ और नवभारत टाइम्स की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। ये चैनल लगातार भ्रामक और भड़काऊ खबरें प्रसारित कर रहे हैं, जिससे समाज में तनाव पैदा हो रहा है।
मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंक़लाबी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
"यह पत्रकारिता नहीं बल्कि समाज को बांटने और सांप्रदायिकता फैलाने की घिनौनी चाल है। अगर इन मीडिया संस्थानों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो समाज में नफरत का ज़हर घुल सकता है।"
वहीं मौलाना डॉ. सैयद कल्बे सिब्तैन "नूरी" ने प्रशासन से अपील की कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए और साजिश को आगे बढ़ने से रोका जाए। उन्होंने कहा,
"रमज़ान के पवित्र महीने में इस तरह की हरकतें मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए की जा रही हैं। प्रशासन को अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए और प्रदेश की गंगा-जमुनी तहज़ीब को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।"
मुख्यमंत्री से पांच प्रमुख मांगें
सेव वक्फ इंडिया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर निम्नलिखित मांगें की हैं:
- दरिया वाली मस्जिद को लेकर फैलाई गई साजिश की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
- हिंदू महासभा के अध्यक्ष और उनके साथ जुड़े लोगों पर सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया जाए।
- टाइम्स नाउ और नवभारत टाइम्स की रिपोर्टिंग की निष्पक्ष जांच कर दोषी पाए जाने पर इन मीडिया संस्थानों पर प्रतिबंध लगाया जाए।
- प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने के लिए विशेष प्रशासनिक सतर्कता बरती जाए।
- सोशल मीडिया और समाचार चैनलों को निर्देश दिया जाए कि वे बिना प्रमाण किसी भी धार्मिक स्थल के संबंध में भ्रामक जानकारी न फैलाएं।
साजिश को हल्के में लेना खतरनाक होगा
मौलाना इंक़लाबी और मौलाना नूरी दोनों ने चेतावनी दी कि अगर इस साजिश पर अविलंब कार्रवाई नहीं हुई, तो यह प्रदेश की शांति एवं सामाजिक सद्भाव के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है। उन्होंने कहा कि सेव वक्फ इंडिया इस पूरे मामले पर पैनी नजर बनाए हुए है और अगर प्रशासन लापरवाही दिखाता है, तो व्यापक जनांदोलन छेड़ा जाएगा।
अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।