आज हम एक ऐसे युवा की उपलब्धियों और शख्सियत को सलाम कर रहे हैं, जिनकी ज़िंदगी समाज, क़ौम और अहलेबैत की सेवा में समर्पित है। इंजीनियर एबाद अस्करी, न केवल अपने पेशे में उत्कृष्ट हैं, बल्कि अपने वालिद समाजसेवी अल्हाज तहजीब अस्करी से प्रेरित होकर हर काम को तहजीब और शाइस्ता अंदाज़ में अंजाम देते हैं।
एबाद अस्करी का वतन बाराबंकी का सरायमीर है और हजरतपुर उनका ननिहाल है। उनका परिवार हमेशा से ही समाज सेवा और क़ौमी फ़िक्र के लिए जाना गया है। वे पूर्व प्रधान कमर मियां के नवासे हैं, जो हर दिल अजीज और समाज में बेहद मशहूर हस्ती थे। यही विरासत एबाद की शख्सियत में भी झलकती है।
वे आर्टिस्ट सैयद हसन सज्जाद जैदी के दामाद भी हैं, जो अहलेबैत पर फिदा होने के साथ-साथ तोगरे और डिज़ाइन में माहिर कलाकार हैं। इस संबंध ने भी एबाद की ज़िंदगी में सौंदर्य, कला और परंपरा के मूल्य जोड़े हैं।
एबाद अस्करी भारत को गौरवान्वित करने वाले परिवार का हिस्सा हैं। वे इंजीनियर शारिब अस्करी और मौलाना जवाद अस्करी के छोटे भाई हैं, जिन्होंने समाज और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी मिसाल कायम की है।
इस वक्त एबाद अस्करी ईरान और इराक की ज़ियारत पर हैं, जहां वे न केवल धार्मिक अनुभव हासिल कर रहे हैं, बल्कि इंसानियत और सेवा के उच्चतम आदर्शों को आत्मसात कर रहे हैं। उनकी ज़िंदगी हमें यह सिखाती है कि असली सफलता केवल पद और सम्मान में नहीं, बल्कि दूसरों की भलाई और सेवा में है।
आज उनके जीवन का एक बेहद खास दिन है — उनकी यौमे पैदाइश। आइए हम सभी उन्हें दिल से मुबारकबाद दें और उनके उज्ज्वल भविष्य, स्वास्थ्य और खुशियों के लिए दुआ करें। दुआ करें कि वे हमेशा ऐसे ही समाज, क़ौम और अहलेबैत की सेवा में अग्रणी बने रहें।
एबाद अस्करी का जीवन हमें बताता है कि शाइस्ता तहजीब, गहरी इंसानियत और समाज सेवा के मूल्यों के साथ चलना ही असली मुकाम है। उनका ये अंदाज नवजवानों के लिए प्रेरणा और उम्मीद का स्रोत बना है ।