सजदा: रूह की आज़ादी और रब से क़रीबियत का रास्ता

SRM Voice
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हमारी ज़िंदगी के सफर में जब हम दुनिया के झमेलों में उलझ जाते हैं, हमें अक्सर ऐसा लगता है जैसे हम टूट कर बिखर गए हैं। लेकिन जब हम अपने दिल को शांत करने और अपने रब से जुड़ने के लिए सजदा करते हैं, तब वह सजदा हमें न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि हमारी रूह को भी नई ताकत और आज़ादी प्रदान करता है।

यह सजदा, जो हम रोज़ अपने रब के सामने करते हैं, दरअसल हमारी आत्मा का एक रास्ता है, जो हमें हर दुनिया की चिंता और परेशानी से मुक्त कर देता है। जब हम सजदा करते हैं, तो हम खुद को दुनिया से अलग करके सिर्फ और सिर्फ अपने रब के सामने प्रस्तुत करते हैं। यह एक ऐसा पल होता है, जिसमें हम अपनी सारी तकलीफें और परेशानियाँ अपने रब के हाथों में छोड़कर केवल उसकी रहम और माफी के लिए प्रार्थना करते हैं।

हमारे लिए सबसे बड़ी राहत और सुकून इस बात में है कि हम जानते हैं कि जब हम दुनिया के हाथों टूट जाते हैं, तो हमारे रब के पास लौटने का रास्ता हमेशा खुला रहता है। और यही वह समय है, जब हम अपने रब के करीब होते हैं। सजदा हमारे दिल को शांति और स्थिरता प्रदान करता है, जिससे हम अपनी दुनिया और आख़िरत को संवार सकते हैं।

यह सच है कि जितना जल्दी हम इस सच्चाई को समझते हैं, उतना ही हमारी जिंदगी आसान और खुशहाल हो जाती है। इस संसार की सभी परेशानियों और उतार-चढ़ावों के बावजूद, सजदा हमें यह एहसास दिलाता है कि हम अकेले नहीं हैं; हमारे रब की मदद और रहम हमारे साथ है।

आइए, हम सब मिलकर अपनी जिंदगी में इस हकीकत को अपनाएं और सजदा को एक साधना के रूप में देखें, जो हमें शांति, तसल्ली और रब से नज़दीकी दिलाता है।

अल्लाह तआला हमें ख़ैर और आफियत नसीब फरमाए, हमें सेहत और तंदरुस्ती दे, और वो सब कुछ अता फरमाए जो हमारे हक़ में बेहतर है।

आमीन यारब्बल आलमीन

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