SRM Voice /तकी हसनैन
लखनऊ: इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने अपने 16वें वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन शानदार तरीके से किया, जिसमें विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत, शिक्षा में उत्कृष्टता और समर्पण को सम्मानित किया गया। इस भव्य समारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के माननीय अध्यक्ष श्री कुंवर मानवेंद्र सिंह और विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. अरुण मायरा, भूतपूर्व सदस्य, प्लानिंग कमीशन और पूर्व चांसलर, केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश, ने शिरकत की। समारोह में विश्वविद्यालय के संस्थापक और चांसलर प्रोफेसर सैयद वसीम अख्तर, प्रो चांसलर श्री सैयद नदीम अख्तर, माननीय कुलपति प्रोफेसर जावेद मुसर्रत सहित अन्य सम्मानित गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे। समारोह का संचालन डॉ. सबा सिद्दीक़ी द्वारा किया गया, जिन्होंने कार्यक्रम को सहज और सजीव बनाए रखा।
मुख्य अतिथि का संबोधन:
समारोह के मुख्य अतिथि माननीय श्री कुंवर मानवेंद्र सिंह ने विद्यार्थियों को उनकी शैक्षिक यात्रा पूरी करने पर बधाई दी और कहा, "यह दीक्षांत दिवस आपके कठिन परिश्रम और समर्पण का परिणाम है। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, जो 2004 में स्थापित हुई थी, आज एक प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान बन चुकी है। शिक्षा का यह मंच न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपने अपनी शिक्षा के माध्यम से न केवल ज्ञान अर्जित किया है, बल्कि आप भारत की विविधता में योगदान देने के लिए तैयार हैं।"
संस्थापक और चांसलर का संदेश:
विश्वविद्यालय के संस्थापक और चांसलर प्रोफेसर सैयद वसीम अख्तर ने विद्यार्थियों को जीवन में नैतिकता और ईमानदारी से आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, "आप अपनी वर्षों की कठिन मेहनत का फल पाकर यहां तक पहुंचे हैं। यह शपथ लें कि आप जीवन में कभी भी गलत रास्ते पर नहीं चलेंगे। हालांकि, वह रास्ता अस्थायी लाभ दे सकता है, लेकिन अंत में वही रास्ता आपको नुकसान पहुंचाएगा। अपने माता-पिता का सम्मान करें, वे आपके जीवन का सबसे बड़ा सहारा हैं। हमेशा अपने शिक्षकों का धन्यवाद करें, जिन्होंने आपको इस मुकाम तक पहुंचाया है।"
शिक्षा का निरंतर महत्व:
डॉ. अरुण मायरा ने अपने व्याख्यान में निरंतर सीखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "सीखने की प्रक्रिया कभी खत्म नहीं होती। सुनना भी एक प्रकार की शिक्षा है। हमें प्रकृति की आवाज़ों को सुनना चाहिए, उन लोगों की आवाज़ सुननी चाहिए जो हमसे अलग हैं, तभी हम सच्चे अर्थों में शिक्षित हो सकते हैं।"
प्रो चांसलर का संदेश:
प्रो चांसलर श्री सैयद नदीम अख्तर ने विद्यार्थियों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, "अब से आप केवल इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के स्नातक नहीं हैं, बल्कि आप इसके प्रतिनिधि भी हैं। जब आप दुनिया में कदम रखेंगे, तो अपनी मेहनत और अपने विचारों से यह साबित करें कि इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने आपको सशक्त किया है। आप अब दुनिया के किसी भी कोने में जाकर अपनी पहचान बना सकते हैं।"
कुलपति की वार्षिक रिपोर्ट:
विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर जावेद मुसर्रत ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने शिक्षा, अनुसंधान, और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा, "इंटीग्रल यूनिवर्सिटी न केवल इस क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान कर रही है, बल्कि यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी महत्वपूर्ण स्थिति स्थापित कर चुकी है। हम अपने छात्रों को एक ऐसी शिक्षा प्रदान कर रहे हैं जो उन्हें दुनिया के किसी भी हिस्से में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करती है। हम भविष्य में शिक्षा में और नवाचार में अग्रणी बने रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
रजिस्ट्रार का धन्यवाद ज्ञापन:
इसके बाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर मोहम्मद हारिस सिद्दीकी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने समारोह में शामिल सभी अतिथियों, विद्यार्थियों, और कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया और कहा, "आज का दिन हमारे विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। हम सभी इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के परिवार का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करते हैं और हम आगे भी अपने छात्रों को उच्चतम गुणवत्ता की शिक्षा देने के लिए समर्पित हैं।"
सम्मानित छात्र और पुरस्कार:
समारोह में विश्वविद्यालय के नियंत्रक परीक्षा प्रोफेसर अब्दुल रहमान खान ने रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड्स की घोषणा की और स्वर्ण तथा रजत पदक विजेताओं के नामों की घोषणा की। उन्होंने कहा, “हमारे विश्वविद्यालय के छात्र अपनी उत्कृष्टता के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। उनके अनुसंधान कार्य न केवल विश्वविद्यालय के लिए, बल्कि समाज के लिए भी लाभकारी होंगे।”
इस दीक्षांत समारोह में कुल 3830 डिग्रियां वितरित की गईं, जिनमें 177 पी एच डी. की डिग्रियां, 1075 पोस्ट ग्रेजुएट डिग्रियां, 2389 स्नातक डिग्रियां और 189 डिप्लोमा डिग्रियां शामिल थीं। विभिन्न श्रेणियों में कुल 86 स्वर्ण पदक और 87 रजत पदक प्रदान किए गए।
स्वर्ण और रजत पदक विजेता:
एम एस सी गणित की छात्रा इरम नाज़ ने पूरे विश्वविद्यालय में टॉप कर स्वर्ण पदक जीता, और एम टेक बायोटेक्नोलॉजी की छात्रा अलवीरा परवीन आकिल ने रजत पदक जीता। इसके अलावा, बी बी ए-आई बी एम द्वितीय वर्ष के छात्र तनवीर आलम को "टेक इनोवेशन स्टार्ट अप" के लिए और एम सी ए द्वितीय वर्ष के छात्र अराफात आलम खान को "डार्क इलाफी परफ्यूम स्टार्ट अप" के लिए सम्मानित किया गया।
उत्कृष्ट शोध कार्य:
डा. तहमीना को रसायन विज्ञान, प्रोफेसर आसमा फारूक को मैनेजमेंट और डॉ. आसिफ खान को कंप्यूटर एप्लीकेशंस के लिए उत्कृष्ट शोध के लिए ग्रांट प्रदान की गई। इन छात्रों ने न केवल विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया बल्कि अपने कठिन परिश्रम और समर्पण से शिक्षा के क्षेत्र में नयी ऊंचाइयों को छुआ।
समारोह का महत्व:
यह दीक्षांत समारोह इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के लिए एक ऐतिहासिक अवसर था, जिसने विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा की यात्रा को पूरा करने पर सम्मानित करने के साथ-साथ उन्हें समाज में अपने योगदान को लेकर एक नई दिशा में प्रेरित किया। विश्वविद्यालय ने अपने छात्रों को एक मजबूत नींव दी है, जिससे वे समाज और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस आयोजन ने छात्रों को जीवन में आगे बढ़ने और उच्चतम मानकों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का यह दीक्षांत समारोह न केवल विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, बल्कि विश्वविद्यालय की शैक्षिक यात्रा और समाज में योगदान की दिशा में एक नई शुरुआत भी था। यह आयोजन छात्रों को प्रेरित करने के साथ-साथ उनके भविष्य की ओर सकारात्मक कदम बढ़ाने का एक अवसर बना।