लखनऊ, 30 अप्रैल 2025,जब ख्वाब नेक हों, नीयत पाक हो और मेहनत सच्ची हो – तो कामयाबी सिर्फ एक मंज़िल नहीं, बल्कि एक मिसाल बन जाती है। ऐसी ही एक मिसाल बनी हैं नगराम की बेटी कुलसुम ज़हरा, जिन्होंने Unity College, लखनऊ में ISE स्ट्रीम से 94% अंक हासिल कर न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रौशन किया है।
कुलसुम ज़हरा उस रौशन खानदान से ताल्लुक रखती हैं जिसने हमेशा तालीम को अपनी पहचान का हिस्सा बनाए रखा है। वो नगराम की मकबूल हस्ती सैयद वजाहत हुसैन रिजवी के चश्म-ओ-चराग़, सैयद शबाहत हुसैन रिजवी की पोती, और सैयद सफ़ीर हुसैन रिजवी व समीना फ़ातिमा की होनहार बेटी हैं। उनके घर की यह मंझली बेटी है जो अपनी अकादमिक बुलंदियों से देश और समाज के लिए नई उम्मीद बन रही है – बड़ी बहन इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में B.Tech कर रही टॉप टेन टॉपर, छोटी बहन फातिमा Unity की icse में पिछले साल की टॉपर हैं।
कुलसुम की तमन्ना है – IAS या मुंसिफ मजिस्ट्रेट बनकर समाज में इंसाफ की अलख जगाना, और यह ख्वाब उनकी आंखों में नहीं, उनके किरदार में झलकता है – उनकी मिलनसारी, सूझबूझ और समाज के लिए कुछ करने का जज़्बा उन्हें खास बनाता है।
ये कामयाबी सिर्फ कुलसुम की नहीं, ये जीत है उस तालीमी माहौल की, जिसकी नींव रखी थी पद्म भूषण मौलाना डॉ. कल्बे सादिक साहब ने – जिन्होंने हमेशा इस बात पर ज़ोर दिया कि “हर बच्चा, चाहे वो किसी भी तबके से हो, तालीम की रोशनी से महरूम न रहे।”
Unity College का यह शानदार रिज़ल्ट उसी ख्वाब का अक्स है। इस साल कई छात्रों ने 90% से ऊपर अंक हासिल किए। यह सब मुमकिन हुआ है – जनाब नजमुल हसन रिज़वी साहब (नजमी साहब) की ख़ामोश मगर मजबूत कयादत, उनके तालीमी अख़लाक़, और Unity के हर शिक्षक की दिन-रात की मेहनत से।
इस मौके पर मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी ने गहराई से कहा:
“कुलसुम ज़हरा जैसी बेटियां सिर्फ तालीमी बुलंदियों की प्रतीक नहीं, बल्कि वो रौशनी हैं जो डॉ. कल्बे सादिक साहब के ख्वाबों को जमीनी हकीकत में तब्दील कर रही हैं। ये कामयाबी उनके मिशन को ज़िंदा रखे हुए है।”
Unity College की यह रौशन मिसाल हमें यह यक़ीन दिलाती है कि तालीम से न सिर्फ तक़दीरें बदलती हैं, बल्कि समाज में इंसाफ़, तहज़ीब और तरक़्क़ी का उजाला फैलता है। और यही था हकीम-ए-उम्मत डॉ. कल्बे सादिक साहब का पैग़ाम – जो आज हर एक होनहार बच्चे के ज़रिए पूरे भारत में गूंज रहा है।